मेरठ। 5 अप्रलै 2023 को बाबू जगजीवन राम की जयंती के उपलक्ष में बाबू जगजीवन राम शोध पीठ
राजनीति विज्ञान विभाग चौधरी चरण सिहं विश्वविद्यालय,मेरठ एवं भारतीय विज्ञान परिषद के संयुक्त
तत्वाधान में एक दिवसीय अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन अतंरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में सामाजिक न्याय
विषय पर चाणक्य सभागार राजनीति विज्ञान विभाग चौधरी चरण सिहं विश्वविद्यालय मेरठ में किया गया।
अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती माता की प्रतिमा पर पुष्परचन अति थियों ने
किया। प्रोफेसर राजेंद्र कुमार पांडे विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग एवं अध्यक्ष बाबू जगजीवन राम शोध
पीठ चौधरी चरण सिहं विश्वविद्यालय ने अतिथियों का स्वागत किया एवं उनका परिचय कराया।
प्रोफेसर राजेंद्र कुमार पांडेजी ने अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन के विषय अतंरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में समाजिक न्याय का विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि 1980 के दशक में राजनीति विज्ञान विषय की स्थिति पर चर्चा की ।
उन्होंने भारतीय समाज में जातिवाद समानता यरूोपियन समाज के भाषाई आधार पर विभिन्नताओं पर अपने विचार व्यक्त
किए।।सामाजिक न्याय की अवधारणा एवं सेमिनार की रूपरेखा के बारे में विस्ततृ रूप में बताया, उन्होंने कहा
कि वर्तमान समय में सामाजिक न्याय की अवधारणा और भी अधिक महत्वपर्णू इसलिए हो जाती है की किसी
भी देश किसी भी समाज का कोई भी व्यक्ति हो उसे किसी ना किसी रूप में प्रभावित है और आज इस
अतंरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्देश्य सामाजिक न्याय की अवधारणा का वश्विैश्वि क परिदृश्य में क्या प्रभाव पड़ रहा
है और क्या घटक बदल रहे हैं इस आधार पर और अधिक यह टॉपिक न्याय सगंत हो जाता है। प्रोफेसर मधरुेंद्र
कुमार अध्यक्ष पडिंत दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ राजनीति विज्ञान विभाग केंद्रीय विश्वविद्यालय
इलाहाबाद प्रयागराज ने अपने बीज वक्तव्य में कहा कि वश्विैश्वि क परिदृश्य के रूप में सामाजिक न्याय की
पाश्चात्य एवं भारतीय सस्ंकृति एवं ज्ञान परंपरा पर आधारित बहुत सी अवधारणा एंव समय में कार्य
कर रही है। उन्होंने सामाजिक न्याय को मानवीय सभ्यता का एक आवश्यक पहलू बताया समाज में विघमान
रूढ़ि वादिता की पहचान व उसके हल हेतु कार्य करना सामाजिक न्याय के लिए महत्वपर्णू है। उन्होंने
विश्व को एक विभिन्न असमानता वाला वश्विैश्वि क वातावरण बताया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर एनके तनेजा पूर्व कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ मे कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्ममानव दर्शनर्श अत्ंयोदय को सामाजि क न्याय का महत्वपूर्ण बताया उन्होंने कहा कि समाज में जो भेद
है,उनका एकमात्र उपाय यह है कि हम सभी को मि लकर उस भेद को समाप्त करना होगा क्योंकि
सभी मनुष्य इस ब्रह्मांड में एक ही तत्वों से बने हुए हैं। प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा पूर्व कुलपति महात्मा गांधी
केंद्रीय विश्वविद्यालय,मोतिहारी,बिहार में अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए दूसरे देशों से आए
विद्वतजनों मैं भारत के विभिन्न राज्यों से आए विद्वतजनों,शिक्षकों, शोधार्थियर्थि व विद्यार्थि आदि का
सम्मेलन में प्रतिभाग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रथम तकनीकी सत्र के वक्ता प्रोफेसर नावेद
जमाल राजनीति विज्ञान विभाग जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने कहा कि वश्विैश्विक परिप्रेक्ष्य में
सामाजिक न्याय की अवधारणा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की भूमिका वर्तमान समय में प्रासगिंक है विषय
पर चर्चा की उन्होंने कहा कि वर्तमान मनुष्य में युवा को शाम को समाज का हिस्सा मानकर समाज के हित में
सोचना होगा। बीज वक्तव्य में प्रोफेसर उपेंद्र चौधरी पूर्व अध्यक्ष एवंमेंबर सेक्रेटरी आईसीएसएसआर एवं राजनीति विज्ञान विभाग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय , अलीगढ़ में काकी अतंरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के द्वारा भारत जसै के साथ विभिन्न अतंरराष्ट्रीय सगंठनों एवं सस्ंथाओं द्वारा भेदभाव किया जा
रहा है और इसी सदंर्भ में उन्होंने अपने विचार प्रस्ततु किए। इसी सत्र में बहुत से शिक्षकों को उन्हें
शोधार्थियर्थि ने एवं विद्यार्थि ने शोध पत्र प्रस्ततु किए और उनसे सबंधिंत प्रश्नों के उत्तर भी अतिथियों द्वारा
दिए गए। इस सत्र की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर रेखा सक्सेना राजनीति विज्ञान विभाग दिल्ली केंद्रीय
विश्वविद्यालय दिल्ली ने कहा कि नारी सशक्तिकरण जैसे आवश्यक मुद्दो पर अपने विचार व्यक्त
किए उन्होंने मानवअधिकारों से सबंधिंत अनेक सगंठनों वह कहीं सरकारी योजनाओं के विषय में चर्चा की।
दिव्य तकनीकी सत्र का प्रारंभ 2:30 बजे किया गया इस सत्र के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह
राजनीति विज्ञान विभाग हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय,महेंद्रगढ़,हरियाणा ने सामाजिक न्याय को एक
जटिल मद्ुदा कहा उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय को अतंरराष्ट्रीय परिदृश्य में हम कैसे लागू कर सकते हैं
और सामाजिक न्याय क्या है और क्या इसकी अवधारणा है इसके बारे में स्पष्ट पूर्वक एवं विस्तार पूर्वक वर्णन
किया। प्रोफेसर श्याम मोहन अग्रवाल राजनीति विज्ञान विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय
समाज के लिए सामाजिक न्याय को बहुत ही महत्वपर्णू कहा। इस सत्र में भी शिक्षकों,
छात्रों एवं विद्यार्थि ने शोधपत्र प्रस्ततु किए। इस सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर दिनेश कुमार अर्थशास्त्र
विभाग चौधरी चरण सिहं विश्वविद्यालय मेरठ ने कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी हम शिक्षा विधेयक
नहीं ला पाए उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय सबसे महत्वपर्णू शिक्षा है समाज के सभी वर्ग को
शिक्षा मिलनी चाहिए। समापन सत्र का प्रारंभ 4:00 अपराहन हुआ। प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा पूर्व संकाय
अध्यक्ष सामाजिक विज्ञान संकाय बनारस विश्वविद्यालय वाराणसी ने समापन भाषण में जगजीवन राम के
कृतित्व व व्यक्तित्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय
मानवता का न्याय है। सामाजिक न्याय से अधिकश्रेष्ठ जीवन नहीं हो सकता सामाजिक न्याय का मलू
स्तंभ लोकतंत्र है सभी को जीवन जीने का वहन प्राप्त करने का अधिकार है। समापन सत्र के मुख्य
अतिथि प्रोफेसर रविद्रं कुमार पदम श्री वह पर्वू कुलपति चौधरी चरण सिहं विश्वविद्यालय ने कहा कि सामाजिक
न्याय मानवता से जड़ुा हुआ है सामाजिक न्याय का विषय है सिद्धांत मलूभतू आवश्यकताएं चाहे वह
सामाजि क रूप में हो राजनीतिक रूप में हो आर्थिक रूप में हो या सांस्कृतिक रूप में हो। प्रोफेसर केसी गुप्ता
विशिष्ट अतिथि ने कहा कि सामाजिक न्याय की अवधारणा बहुत ही विस्ततृ है जिसके दो पहलू हैं एक
वह एक आध्यात्मि क सामाजि क न्याय समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मिलना चाहिए चाहे वह किसी
भी जाति धर्म पतं आदि से सबंधित हो। प्रोफेसर राजेंद्र कुमार पांडे नेअतंरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग करने
वाले आए विभिन्न विद्वतजनों शिक्षकों शोधार्थि पत्रकार बधंओु सभी का धन्यवाद ज्ञापित
किया। सेमिनार में योगदान डॉक्टर सषुमा
रामपाल डॉक्टर जयवीर राणा डॉक्टर भपूेंद्र प्रताप डॉक्टर देवेंद्र उज्जवल यतेंद्र सिहं नितिन त्यागी,
मीनाक्षी, का रहा। प्रोफेसर सजंय सिहं प्रोफेसर अनिल मलिक प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा
प्रोफेसर राजेंद्र कुमार पांडे ,पंजीकरण करने मे मानसी त्यागी अकिंत सिहं अमित कुमार डॉ जितेंद्र कुमार आदि
का रहा।