मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में आए दिन अपराधिक गतिविधियां जैसे लड़ाई–झगड़े, मारपीट व गोलियां चलने की खबरे लगतार सामने आ रही हैं। इन गतिविधियों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने अरविंद चौरसिया (सर्किल ऑफिसर) सिविल लाइन के साथ पारस्परिक वार्ता का आयोजन किया। इस वार्ता में परिसर के अनेकों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
वार्ता के दौरान सीओ अरविंद चौरसिया ने छात्रों से अपील कर कहा की वो विश्वविद्यालय में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करें। उन्होंने श्री प्रकाश शुक्ला का उदहारण देते हुए कहा की अपराधी चाहे जितना भी बड़ा हो पुलिस और कानून से बच नहीं सकता। साथ ही साथ छात्रों को ये भी समझाया कि पुलिस केवल अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं के लिए नहीं है बल्कि सभी नागरिकों के सेवा के लिए तत्पर है।
छात्रों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा की मुकदमा किसी के लिया अच्छा नही है,और हम कोशिश करते है की बच्चो के ऊपर छोटी मोटी चीजों के लिए मुकदमे न लिखे जाएं, क्योंकि पुलिस का एक केस लगने से छात्र को सरकार नौकरी नहीं मिलती है एवं पासपोर्ट जैसी अनेकों चीज़ों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा की माता पिता का काम है बच्चो को सही रास्ते पर ले जाना। साथ ही उन्होंने आईपीसी की धारा 34,147,148,149 को संक्षिप्त रूप से समझते हुए कहा की अपराधी के साथ रहने वाला व्यक्ति भी बराबर का अपराधी है और उसके खिलाफ भी कानूनी कारवाई की जाएगी।
छात्र नेताओं को इशारा करते हुए उन्होंने कहा की कोर्ट के आदेश अनुसार 3 वर्ष या उससे अधिक सजा मिलने वाले नेता को चुनाव लडने का अधिकार नहीं दिया जाएगा,इसलिए अपराधिक गतिविधियों से दूर रह कर ही छात्र हितों की बात करें।
अंत में उन्होंने छात्रों को एफआईआर लिखने की प्रक्रिया को समझाया और छात्रों को अपना निजी मोबाइल नंबर देकर छात्रों से परिसर में हो रही अपराधिक गतिविधि की सूचना देने की अपील की।
इस दौरान विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलानुशासक डॉ० दुष्यंत चौहान,पत्रकारिता विभाग के निदेशक डॉ० प्रशांत कुमार,मेडिकल थानाध्यक्ष सुरेंद्र जी, एवं सभी विभाग के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।