मेरठ : 1 जुलाई 1965 को मेरठ विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया था। इस वर्ष विश्वविद्यालय को 58 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे।
विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो आरके सिंह जी के नेतृत्व में हावर्ड विश्वविद्यालय के तर्ज पर मेरठ विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू हुई थी।
डिस्टेंस एजुकेशन और सेमेस्टर सिस्टम की शुरुआत पूरे देश में सबसे पहले मेरठ विश्वविद्यालय में हुई थी
बास बल्ली में शुरू हुई थी विश्वविद्यालय की पहली कक्षा
आज विश्वविद्यालय लगभग 222 एकड़ में फैला हुआ है,लेकिन स्थापना के समय विश्वविद्यालय की पहली कक्षा का संचालन नौचंदी के पास एक किराए के भवन में किया गया था। इस भवन में पहली कक्षाएं एमफिल की चली थीं।
ढाई रुपए गज था जमीन का मूल्य
विश्वविद्यालय परिसर करीब 222 एकड़ में फैला है,और इस पूरे जमीन का मूल्य उस समय ढाई से तीन रुपए था।
किसानों से अधिकृत विश्वविद्यालय की जमीन पर कई बार मुआवजे को लेकर तकरार भी होता रहा है।
1994 में बदला गया विश्वविद्यालय का नाम
वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा मेरठ विश्वविद्यालय का नाम अपने राजनैतिक गुरु कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह के नाम पर रख दिया गया।
विश्वविद्यालय की विशेषताएं
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ में प्रेक्षागृह,मूल्यांकन भवन,लडको एवं लड़कियों के लिए अनेकों छात्रावास सहित स्वामी विवेकानन्द,भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु जैसे महापुरुषों की मूर्तियां भी स्थापित है।
इसके अलावा विश्वविद्यालय में एक बड़ा खेल का मैदान भी है,जिसके बीच एक हेलीपैड भी बना हुआ है।अनेकों प्रकार के प्राकृतिक दृश्य एवं सभी विभागों में अनेकों तरह की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं।
उच्च शिक्षा के साथ रोजगार देना रहा है विश्वविद्यालय का लक्ष्य
विश्वविद्यालय का लक्ष्य स्थानीय परिवेश को ध्यान में रखते हुए छात्र- छात्राओं को उत्तम शिक्षा एवं रोजगार देना है।
इसके लिए विश्वविद्यालय कुछ नए कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल करने जा है जिसमे शेयर मार्केट,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अनेकों कोर्स शामिल है।
विश्वविद्यालय को जल्द मिलने जा रहा है रेडियो स्टेशन
विश्वविद्यालय के तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में जल्द ही रेडियो स्टेशन खुलने जा रहा है,इस रेडियो स्टेशन पर शिक्षा,साहित्य एवं विज्ञान और मनोरंजन जैसे सभी विषयों पर कार्यक्रम प्रसारित होंगे।
छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय लंबे समय से ऐसे कार्यों में जुटा हुआ है।
विश्विद्यालय की कुलपति प्रो संगीता शुक्ला का कहना है की पत्रकारिता विभाग पूरे विश्वविद्यालय का चेहरा है और इसका सशक्त होना पूरे विश्वविद्यालय के लिए लाभकारी होगा।
हर क्षेत्र के दिग्गज दे चुका है मेरठ विश्वविद्यालय
राजनीति,खेल और कला के क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ने वाले अनेकों लोग इस विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। जिनमे से कुछ नाम हैं -:
जनरल बिपिन रावत
देश के प्रथम रक्षा प्रमुख, सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत ने विश्वविद्यालय के संबद्ध ,मेरठ कॉलेज से ही अपनी पीएचडी पूरी की थी।
अरुण गोविल
रामानंद सागर के रामायण सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल भी सीसीएसयू के छात्र रह चुके हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती सहित एस पी सिंह बघेल,सोमेंद्र तोमर,मदन चौहान,धर्मेश सिंह तोमर,सहित अनेकों राजनेता सीसीएसयू के छात्र रह चुके है।