मेवाड़ राजघराने के पूर्व महाराजा महेंद्र सिंह जी मेवाड़ का 10 नवंबर को निधन हो गया था उसके बाद उनके बेटे और नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ का आज राजतिलक कर उन्हें मेवाड़ का 77 व महाराणा घोषित किया है।
इसी के साथ इस बात पर उनके चाचा और विश्वराज सिंह के बीच विवाद भी छिड़ चुका है इसी वजह से उन्हें परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए गए और साथ ही एकलिंग मंदिर में उनके प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।
राजतंत्र खत्म होने के बाद यह प्रतीकात्मक रस्म अभी भी निभाई जाती है इसी के साथ सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में खून से तिलक की रस्म हुई।
विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है।
क्योंकि सिटी पैलेस अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है।
वर्ष 1984 में पूर्व महाराजा भगवत सिंह मेवाड ने अपने बड़े पुत्र महेंद्र सिंह मेवाड़ से संबंध खत्म कर लिए थे उसके बाद से अधिकतम संपत्ति अरविंद सिंह मेवाड़ के पास है।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस कार्यक्रम में पुलिस ने मोर्चा संभाला हुआ था।
सारे रस्म और रिवाज के साथ विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ और उसके बाद उन्हें 21 तोपों से सलामी दी गई।
यह राजवंश बप्पा रावल से लेकर महाराणा प्रताप और अमर सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहा है। उनके वंशज होना इस परिवार के लिए घरों का विषय है यही मुख्य वजह है की जनता आज भी इन्हें इतना सम्मान देती है।
इसी के साथ विश्वराज सिंह का परिवार राजनीति में भी सक्रिय है। वर्तमान में वह नाथद्वारा से विधायक हैं साथ ही उनकी पत्नी भी राजसमंद से सांसद हैं।
उनके पिता और पूर्व महाराजा महेंद्र सिंह मेवाड़ भी सांसद रहे हैं।