महाराष्ट्र में कांग्रेस और उद्धव की हार के मुख्य कारण

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर भाजपा गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है।
राज्य की कुल 288 सीटों में से 236 सीटों पर भाजपा गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है।
इसी के साथ ये परिणाम उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की बड़ी हार को दर्शाते हैं।

जनता के मत को देखते हुए ऐसा लगता है कि जब से उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बाला साहब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को नकारा है तब से महाराष्ट्र की जनता ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया है।

  • शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना को एक हिंदुत्व विचारधारा के साथ बनाया था। लेकिन उद्धव ठाकरे के कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन के बाद महाराष्ट्र की जनता ने उनके साथ छोड़ दिया।

  • चुनाव से कुछ समय पहले उद्धव ने 1992 के दंगों के लिए के लिए मुस्लिम समुदाय और नेताओं से माफी मांगी। शायद यह बात जनता को पसंद नहीं आई क्योंकि जिसका पिता जीवन भर हिंदुत्व और राम मंदिर के लिए संघर्ष करता रहा हो उसके पुत्र का दूसरे समुदाय से उसे संदर्भ में माफी मांगना उन्हें पसंद नहीं आया।

  • वर्ष 2020 में पालघर में हुई साधुओं की हत्या ने भी उद्धव के चुनाव पर काफी प्रभाव डाला है।
    इस हत्याकांड के बाद से ही उद्धव की हिंदुत्व वाली छवि को ग्रहण लगना शुरू हो गया था।

 

 

 

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